SEBI का बड़ा फैसला: नए एल्गो ट्रेडिंग नियमों से निवेशकों की किस्मत बदलेगी? पूरी जानकारी पढ़ें!
शेयर बाजार में निवेश करने वाले निवेशकों और ट्रेडर्स के लिए एक अहम खबर सामने आई है। SEBI (Securities and Exchange Board of India) ने हाल ही में एक नया सर्कुलर जारी किया है, जिसमें ट्रेडिंग से जुड़े नए नियमों की जानकारी दी गई है। खासतौर पर एल्गो ट्रेडिंग (Algo Trading) को लेकर नए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। आइए जानते हैं इस नए सर्कुलर के मुख्य बिंदु और इनका निवेशकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
एल्गो ट्रेडिंग पर SEBI के नए नियम
सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि एल्गो ट्रेडिंग (Algorithmic Trading) क्या होती है। इसे ऑटोमेटेड ट्रेडिंग (Automated Trading) या क्वांटिटेटिव ट्रेडिंग (Quantitative Trading) भी कहा जाता है। इसमें कंप्यूटर एल्गोरिदम का उपयोग करके तेजी से और सटीक लेन-देन किया जाता है। यह पूरी तरह स्वचालित (Automated) होता है और इसमें मानवीय हस्तक्षेप नहीं होता।

SEBI के नए सर्कुलर के अनुसार, अब रिटेल ट्रेडर्स केवल ब्रोकर्स के जरिए एल्गो ट्रेडिंग कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त, नए नियमों के तहत:
- एल्गो प्रोवाइडर केवल ब्रोकर के एजेंट के रूप में कार्य करेंगे।
- ब्रोकर ही एल्गो ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करेगा, कोई थर्ड पार्टी इसमें शामिल नहीं होगी।
- हर एल्गो ट्रेडिंग सिस्टम के लिए एक्सचेंज की मंजूरी अनिवार्य होगी।
- एल्गो ट्रेडिंग के तहत ट्रेडिंग गतिविधियों पर अधिक निगरानी रखी जाएगी।
एल्गो ट्रेडिंग कैसे काम करती है?
एल्गो ट्रेडिंग में पूर्व-निर्धारित गणितीय फॉर्मूले और लॉजिक का उपयोग करके शेयर खरीदने और बेचने के आदेश दिए जाते हैं। इसके प्रमुख चरण निम्नलिखित हैं:
- एल्गोरिदम डिजाइन: निवेशक या फर्म पहले एक एल्गोरिदम विकसित करती है, जो बाजार की स्थिति के आधार पर खरीदने या बेचने के संकेत उत्पन्न करता है।
- ऑर्डर निष्पादन: जैसे ही पूर्व-निर्धारित शर्तें पूरी होती हैं, एल्गो सिस्टम स्वचालित रूप से ऑर्डर प्लेस कर देता है।
- स्पीड और सटीकता: कंप्यूटर आधारित यह प्रणाली इंसानों की तुलना में लाखों ऑर्डर प्रति सेकंड प्रोसेस कर सकती है।
- रियल-टाइम मॉनिटरिंग: एल्गो सिस्टम बाजार की लाइव गतिविधियों पर नजर रखता है और जरूरत पड़ने पर स्ट्रेटजी में बदलाव करता है।
एल्गो ट्रेडिंग के प्रमुख प्रकार
SEBI के नए नियमों के बाद एल्गो ट्रेडिंग के निम्नलिखित प्रकार अधिक चर्चा में हैं:
1. मार्केट मेकिंग (Market Making)
इसमें बिड और आस्क (Bid & Ask) के बीच छोटे अंतर में लगातार ट्रेडिंग की जाती है, जिससे लिक्विडिटी बढ़ती है।
2. अरबिट्राज ट्रेडिंग (Arbitrage Trading)
यदि किसी स्टॉक की कीमत दो अलग-अलग एक्सचेंजों पर अलग-अलग होती है, तो एल्गो ट्रेडिंग का उपयोग कर सस्ते में खरीदकर महंगे में बेचा जाता है।
3. ट्रेंड-फॉलोइंग एल्गो (Trend-Following Algorithms)
इस एल्गोरिदम में मूविंग एवरेज (Moving Averages) और अन्य संकेतकों का उपयोग किया जाता है, जिससे ट्रेंड के अनुसार ट्रेडिंग होती है।
4. वॉल्यूम वेटेड एवरेज प्राइस (VWAP)
यह ट्रेडिंग रणनीति पूरे दिन के औसत ट्रेडिंग वॉल्यूम के आधार पर विभाजित की जाती है, जिससे बेहतर मूल्य पर ऑर्डर निष्पादित होते हैं।
5. हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग (HFT)
इसमें बेहद तेज गति (Milliseconds में Execution) से ट्रेडिंग की जाती है, जिससे छोटे-छोटे मुनाफे बनाए जाते हैं।
एल्गो ट्रेडिंग के फायदे
एल्गो ट्रेडिंग की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है क्योंकि यह तेजी, सटीकता और लागत में कमी जैसे कई फायदे प्रदान करती है।
1. तेज़ी और कुशलता (Speed & Efficiency)
एल्गो ट्रेडिंग एक सेकंड में हजारों ऑर्डर को निष्पादित कर सकती है, जिससे ट्रेडिंग अधिक कुशल हो जाती है।
2. लागत में कमी
चूंकि पूरी प्रक्रिया स्वचालित होती है, इसलिए इसमें ब्रोकरेज और अन्य शुल्क कम हो जाते हैं।
3. भावनात्मक पूर्वाग्रह से बचाव
कई बार निवेशक भावनाओं में बहकर गलत निर्णय ले लेते हैं, लेकिन एल्गो ट्रेडिंग पूरी तरह डेटा और लॉजिक पर आधारित होती है।
4. हाई-स्पीड ऑर्डर निष्पादन
एल्गो ट्रेडिंग में माइक्रोसेकंड्स (Microseconds) में ट्रेड एग्जीक्यूट होते हैं, जिससे बेहतर मूल्य पर सौदे पूरे होते हैं।
एल्गो ट्रेडिंग का भविष्य
एल्गो ट्रेडिंग आधुनिक ट्रेडिंग का भविष्य है, क्योंकि यह तेज, सटीक और प्रभावी होती है। बड़े फंड मैनेजर, संस्थागत निवेशक और प्रोफेशनल ट्रेडर्स इस तकनीक का बड़े पैमाने पर उपयोग कर रहे हैं। हालांकि, यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि एल्गो ट्रेडिंग में तकनीकी समझ और रिस्क मैनेजमेंट का ज्ञान होना आवश्यक है।
निष्कर्ष
SEBI द्वारा जारी नए सर्कुलर के अनुसार, एल्गो ट्रेडिंग अब अधिक सुरक्षित और विनियमित होगी। नए नियमों से रिटेल निवेशकों को लाभ मिलेगा, क्योंकि इससे अधिक पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। यदि आप भी एल्गो ट्रेडिंग में रुचि रखते हैं, तो ब्रोकर्स के जरिए इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।