वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को लेकर देश की सियासत में गरमाहट आ गई है। इस बिल के लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों से पारित होने के बाद शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत ने केंद्र सरकार और खासकर बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि इस बिल का हिंदुत्व से कोई लेना-देना नहीं है और यह केवल अवैध कार्यों को वैध करने की एक राजनीतिक चाल है।
🔎 क्या है वक्फ संशोधन बिल 2025?
वक्फ बोर्ड से संबंधित यह संशोधन विधेयक 2025, भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और नियंत्रण को लेकर नए प्रावधानों को लाने का प्रस्ताव रखता है। इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकना और पारदर्शिता बढ़ाना बताया गया है। लेकिन विपक्ष का आरोप है कि यह बिल अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने और ध्यान भटकाने के लिए लाया गया है।
🎯 संजय राउत का बड़ा आरोप: बीजेपी के बड़े नेता संपर्क में थे
संजय राउत ने मीडिया से बातचीत में दावा किया कि इस बिल के समर्थन के लिए बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता शिवसेना (UBT) के संपर्क में थे। उन्होंने कहा:
“ये बिल हिंदुत्व के लिए नहीं, बल्कि अवैध कामों को वैध करने के लिए लाया गया है। हमारे कुछ सांसद बाहर न होते तो वो भी विरोध में वोट डालते।”
यह बयान सियासी गलियारों में खलबली मचाने वाला रहा, क्योंकि इससे संकेत मिलता है कि सत्ता पक्ष में भी इस बिल को लेकर असमंजस की स्थिति हो सकती है।
🧿 शिंदे गुट पर तीखा हमला: “मोदी-शाह के चेले हैं”
संजय राउत ने शिवसेना के शिंदे गुट को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह गुट पूरी तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की शरण में है। राउत ने कटाक्ष करते हुए कहा:
“ये लोग मोदी-शाह के चेले बन गए हैं और डर के मारे कुछ बोल नहीं सकते।”
यह बयान उस समय आया जब शिंदे गुट ने बिल पर समर्थन जताया था।

🛫 पीएम मोदी की विदेश यात्रा पर कटाक्ष: “बैंकॉक में मसाज चल रही है”
संजय राउत ने प्रधानमंत्री की थाईलैंड यात्रा को लेकर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा:
“बैंकॉक में उनके मन का मसाज चल रहा है। वहां जाकर लोगों के दिमाग और मन का मसाज होता है।”
उन्होंने यह टिप्पणी उस समय की जब अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर गहराता जा रहा है और भारत पर भी आर्थिक दबाव बन रहा है।
🧠 संसद में बोले संजय राउत: “गरीब मुसलमान की इतनी चिंता क्यों?”
वक्फ संशोधन बिल पर संसद में चर्चा के दौरान संजय राउत ने केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा:
“दो दिन से संसद में गरीब मुसलमान की इतनी चिंता दिखाई जा रही है कि मुझे डर लगने लगा है। मुसलमान भी डरे हुए हैं और हिंदू भी।”
उनका कहना था कि इतनी चिंता तो मोहम्मद अली जिन्ना को भी नहीं थी।
🇮🇳 हिंदू राष्ट्र या हिंदू पाकिस्तान?
राउत ने अपने संबोधन में कहा कि उन्हें पहले लगता था कि देश एक हिंदू राष्ट्र की ओर बढ़ रहा है, लेकिन अब ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार हिंदू पाकिस्तान बनाने की ओर कदम बढ़ा रही है। उनका तंज था:
“आपके भाषण सुनकर लगता है कि आप हिंदू पाकिस्तान बना रहे हैं, न कि हिंदू राष्ट्र।”
💡 बिल के पीछे ध्यान भटकाने की राजनीति?
राउत ने यह भी आरोप लगाया कि यह बिल जनता का ध्यान भटकाने के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा:
“अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 26% ड्यूटी का हमला किया, लेकिन चर्चा उसकी बजाय इस बिल पर होने लगी। सरकार लोगों को असली मुद्दों से भटका रही है।”
उन्होंने चेतावनी दी कि इससे भारत की अर्थव्यवस्था और रुपया गंभीर संकट में पड़ सकते हैं।
📌 मुख्य बिंदु संक्षेप में:
- 📜 वक्फ संशोधन बिल 2025 पर संसद में गर्मागर्म बहस
- 🔥 संजय राउत का आरोप – बीजेपी नेताओं ने समर्थन के लिए संपर्क किया
- 🎯 शिंदे गुट पर हमला – “मोदी-शाह के चेले हैं”
- 🛫 पीएम की यात्रा पर तंज – “बैंकॉक में मसाज”
- ❓ सवाल उठाए – “मुसलमानों की अचानक इतनी चिंता क्यों?”
- 📉 अर्थव्यवस्था के खतरे की ओर ध्यान दिलाया
🙋♂️ FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1. वक्फ संशोधन बिल 2025 का मुख्य उद्देश्य क्या है?
👉 इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाना और अवैध कब्जों को रोकना बताया गया है।
Q2. संजय राउत ने इस बिल का विरोध क्यों किया?
👉 उन्होंने इसे एक राजनीतिक स्टंट बताया और कहा कि यह ध्यान भटकाने के लिए लाया गया है।
Q3. क्या बीजेपी नेताओं ने बिल पर समर्थन के लिए संपर्क किया था?
👉 संजय राउत का दावा है कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता शिवसेना (UBT) के संपर्क में थे।
Q4. इस बिल से अल्पसंख्यकों को क्या नुकसान हो सकता है?
👉 विपक्ष का मानना है कि इससे मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ सकता है।
Q5. क्या इस बिल का कोई संबंध हिंदुत्व से है?
👉 संजय राउत का कहना है कि इसका हिंदुत्व से कोई लेना-देना नहीं है, यह सिर्फ अवैध कामों को वैध करने का प्रयास है।
📝 निष्कर्ष (Conclusion)
वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को लेकर देश में गहरी सियासी खींचतान देखने को मिल रही है। एक ओर सरकार इसे पारदर्शिता और सुशासन की दिशा में उठाया गया कदम बता रही है, तो वहीं विपक्ष इसे धार्मिक ध्रुवीकरण और जनता का ध्यान भटकाने की साजिश बता रहा है। खासतौर से संजय राउत के आरोपों ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मुद्दा किस दिशा में जाता है और जनता की सोच पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है।
🗳️ क्या यह बिल सही दिशा में एक कदम है या सिर्फ सियासी हथकंडा? इसका फैसला अब देश की जनता के विवेक पर है।