शेयर बाजार में भारी गिरावट की आशंका! ₹35,000 करोड़ के शेयरों पर खतरा, निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत
भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) में अगले कुछ दिनों में बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। हाल ही में आईपीओ (IPO) निवेशकों का लॉक-अप पीरियड समाप्त हो गया है, जिससे बड़ी संख्या में शेयरों की बिक्री होने की संभावना है। इस स्थिति में, बाजार पर दबाव बढ़ सकता है और प्रमुख स्टॉक्स में गिरावट दर्ज की जा सकती है।
₹35,000 करोड़ के शेयरों पर बिक्री का दबाव
विशेषज्ञों के अनुसार, करीब 4 अरब डॉलर (35,000 करोड़ रुपये) मूल्य के शेयरों पर से बिक्री प्रतिबंध हट चुका है। इस कारण, जो शुरुआती निवेशक अब तक अपने शेयर नहीं बेच सकते थे, वे अब इन्हें बेच सकते हैं। इसका सीधा असर बाजार की स्थिरता पर पड़ेगा और बड़ी कंपनियों के शेयरों में गिरावट आ सकती है।

मंदी की मार से पहले ही जूझ रहा है शेयर बाजार
हाल के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय शेयर बाजार पहले से ही मंदी (Recession) के दौर से गुजर रहा है। दिसंबर के मध्य से अब तक बाजार का कुल मूल्य 1 लाख करोड़ डॉलर तक घट चुका है। ऐसे में, बड़े पैमाने पर शेयरों की बिक्री से बाजार और अधिक दबाव में आ सकता है।
किन कंपनियों के शेयरों पर असर पड़ेगा?
नुवामा अल्टरनेटिव एंड क्वांटिटेटिव रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, जिन कंपनियों के शेयर अब बाजार में खुलकर बिक सकते हैं, उनमें शामिल हैं:
- फर्स्टक्राई ऑपरेटर ब्रेनबीज सॉल्यूशंस (FirstCry – Brainbees Solutions)
- सीगल इंडिया (Seagull India)
- ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (Ola Electric Mobility)
- यूनिकॉमर्स ई-सॉल्यूशंस (Unicommerce e-Solutions)
सोमवार को प्रतिबंध हटते ही इन कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली।
- ट्रेन सिग्नलिंग फर्म क्वाड्रंट फ्यूचर टेक (Quadrant Future Tech) के शेयरों में 20% की गिरावट आई।
- यूनिकॉमर्स ई-सॉल्यूशंस के शेयर 10% तक गिर गए, जो ट्रेडिंग शुरू होने के बाद की सबसे बड़ी गिरावट थी।
- ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में 3.3% की गिरावट देखी गई।
- स्विगी (Swiggy) के शेयर भी 5% तक लुढ़क गए।
नए आईपीओ की बाढ़, बाजार को कैसे मिलेगा समर्थन?
भारतीय बाजार में इस गिरावट के बीच एक नई IPO लहर भी आने वाली है। SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने जानकारी दी है कि वह 60 से अधिक कंपनियों के आईपीओ आवेदन पर काम कर रहा है। यदि ये आईपीओ सफल रहते हैं, तो बाजार को कुछ स्थिरता मिल सकती है।
हालांकि, बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय शेयर बाजार की लंबी अवधि की संभावनाएं अभी भी मजबूत हैं। हालांकि वर्तमान में अर्थव्यवस्था की सुस्ती और कॉर्पोरेट कमाई में गिरावट के कारण बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है, लेकिन दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह एक मौका भी साबित हो सकता है।
निवेशकों के लिए क्या रणनीति होनी चाहिए?
- लंबी अवधि के निवेश को प्राथमिकता दें: मौजूदा गिरावट से घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि गुणवत्तापूर्ण शेयरों में दीर्घकालिक निवेश करें।
- मौलिक और मजबूत कंपनियों के शेयर चुनें: उन कंपनियों में निवेश करें जो मजबूत वित्तीय स्थिति में हैं और जिनका बिजनेस मॉडल दीर्घकालिक रूप से स्थिर है।
- शेयर बाजार के रुझान पर नजर बनाए रखें: बाजार में आने वाले उतार-चढ़ाव को समझें और सटीक समय पर निवेश या निकासी करें।
- IPO निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत: यदि आपने हाल ही में किसी IPO में निवेश किया है, तो स्थिति का आकलन करें और आवश्यकतानुसार अपने पोर्टफोलियो में बदलाव करें।
निष्कर्ष
भारतीय शेयर बाजार फिलहाल कठिन दौर से गुजर रहा है, लेकिन लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह अवसर भी हो सकता है। ₹35,000 करोड़ के शेयरों की संभावित बिक्री से बाजार में अस्थायी गिरावट जरूर आ सकती है, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूत नींव बाजार को आगे बढ़ाने में मदद करेगी। निवेशकों को धैर्य और सतर्कता से काम लेना चाहिए और जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए।