
जमुई, गया, औरंगाबाद में 11, 12, 13 और 16 जुलाई को भारी बारिश या तेज गर्मी? बिहार के इन 6 जिलों के लिए IMD ने जारी किया येलो अलर्ट – जानें आज का और कल का मौसम अपडेट!

बिहार के पटना, बांका, जमुई में आज का मौसम (11 जुलाई), कल का मौसम (12 जुलाई) और 13-16 जुलाई तक कैसा रहेगा मौसम? जानिए येलो अलर्ट की पूरी जानकारी!
बिहार में इस साल मानसून की रफ्तार पर जैसे ब्रेक लग गया है। 🌡️ राजधानी पटना सहित अधिकांश जिलों में बारिश की गतिविधियां ठप पड़ी हुई हैं। मौसम विज्ञान केंद्र, पटना के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के ऊपर इस समय कोई मजबूत सिस्टम सक्रिय नहीं है। इसका सीधा असर बिहार के मौसमी हालात पर पड़ा है और राज्य के अधिकांश हिस्से अब भी गर्मी और उमस से परेशान हैं।
💨 क्यों थमी बारिश की गतिविधि? जानिए वैज्ञानिक कारण
- पश्चिमी और दक्षिण-पूर्वी हवाओं के बीच टकराव नहीं हो रहा, जिससे बारिश की संभावनाएं बेहद कमजोर बनी हुई हैं।
- मानसूनी ट्रफ लाइन इस समय दक्षिण की ओर झुकी हुई है, जिसके कारण झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में अधिक वर्षा हो रही है, लेकिन बिहार इससे वंचित है।
- इन सभी कारणों से बिहार के खेत, किसान और आम जनजीवन को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

🌧️ 16 जुलाई से बदलेगा मौसम का मिजाज?
मौसम विभाग के अनुसार, 16 जुलाई के आसपास बंगाल की खाड़ी में एक नया सिस्टम विकसित हो सकता है, जो पूरे बिहार में बारिश की गतिविधियों को फिर से सक्रिय कर सकता है।
🌿 इससे लोगों को तेज गर्मी और उमस से राहत मिलने की उम्मीद है और सावन में हरियाली लौटने की संभावना भी बढ़ जाएगी।
📊 बीते 24 घंटे का मौसम कैसा रहा?
| जिला | मौसम स्थिति |
|---|---|
| पटना | हल्की बारिश 🌧️ |
| हाजीपुर | बूंदाबांदी 🌦️ |
| सुपौल | मामूली वर्षा |
| मधेपुरा | बादल छाए, हल्की बारिश |
| औरंगाबाद | 38.2°C तापमान 🌡️ – सबसे गर्म जिला |
➡️ मौसम विभाग ने बांका, जमुई, नवादा, गया, औरंगाबाद और रोहतास में हल्की बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।
⚠️ येलो अलर्ट का मतलब क्या होता है?
येलो अलर्ट का अर्थ होता है कि मौसम में बदलाव की संभावना है, लेकिन यह अत्यधिक खतरनाक नहीं है। फिर भी सावधानी बरतना जरूरी होता है, खासकर बुजुर्गों, बच्चों और बीमार व्यक्तियों के लिए।
🔥 अगले 5-6 दिन कैसे होंगे?
विशेषज्ञों का मानना है कि:
- अगले 5 से 6 दिन तक गर्मी और उमस से राहत नहीं मिलने वाली है।
- 11 जुलाई को कुछ क्षेत्रों में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है।
- 12 और 13 जुलाई को तेज धूप ☀️ और लू के कारण गर्मी और बढ़ेगी।
📌 यानी, फिलहाल एसी, पंखे और पानी की बोतलें तैयार रखें क्योंकि राहत के आसार कम हैं।
🌾 खेती पर प्रभाव: सावन में भी खेत सूखे
2020 के बाद से लगातार देखा जा रहा है कि सावन में बारिश की मात्रा घटती जा रही है। इस बार भी अब तक बिहार के 20 जिलों में सामान्य से 50% तक कम बारिश हुई है।
प्रभावित जिले:
- पटना
- बक्सर
- जहानाबाद
- भोजपुर
- औरंगाबाद
➡️ अगर 16 जुलाई के आसपास कोई सिस्टम नहीं बना, तो इस बार सावन में हरियाली की उम्मीद धूमिल हो सकती है।
📉 बारिश की कमी से फसल संकट
बारिश की कमी से:
- धान की बुवाई में देरी हो रही है 🌾
- भूमिगत जल स्तर पर असर पड़ रहा है
- किसानों को अतिरिक्त सिंचाई खर्च उठाना पड़ रहा है
🎯 अगर यही हालात बने रहे, तो आने वाले समय में अनाज की कीमतों में उछाल भी देखा जा सकता है।
🏥 स्वास्थ्य पर प्रभाव: उमस और लू से बीमारियों का खतरा
गर्मी और उमस का असर केवल मौसम तक सीमित नहीं है। इससे मानव स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है।
⚠️ संभावित समस्याएं:
- हीट स्ट्रोक 🧠
- डिहाइड्रेशन 💧
- चक्कर आना और कमजोरी
- त्वचा संबंधी बीमारियाँ
👉 डॉक्टरों की सलाह है कि इस मौसम में भरपूर पानी पिएं, हल्का खाना खाएं और दोपहर में बाहर न निकलें।
🌧️ कब लौटेगा मॉनसून? जानिए संभावित तारीखें
| संभावित तिथि | मौसम गतिविधि |
|---|---|
| 11 जुलाई | कहीं-कहीं बूंदाबांदी 🌦️ |
| 12 जुलाई | तेज धूप, गर्म हवाएं ☀️💨 |
| 13 जुलाई | गर्मी में और बढ़ोतरी 🔥 |
| 16 जुलाई | नया सिस्टम बनने की संभावना 🌧️ |
🌿 क्या सावन में होगी हरियाली?
सावन का महीना भारतीय कृषि और संस्कृति दोनों के लिए महत्वपूर्ण होता है। लेकिन यदि बारिश समय पर नहीं हुई, तो न केवल फसलों की पैदावार घटेगी, बल्कि त्योहारों का रंग भी फीका पड़ सकता है।
➡️ अब सभी की नजरें 16 जुलाई पर टिकी हैं, जब मौसम विभाग द्वारा अनुमानित सिस्टम बन सकता है।
❓FAQs: बारिश, मौसम और अलर्ट से जुड़े कुछ सामान्य सवाल
Q1: क्या 16 जुलाई को पूरे बिहार में बारिश होगी?
उत्तर: हां, मौसम विभाग का अनुमान है कि 16 जुलाई के आसपास नया सिस्टम बनने पर पूरे बिहार में बारिश शुरू हो सकती है।
Q2: येलो अलर्ट का क्या मतलब होता है?
उत्तर: येलो अलर्ट का मतलब है संभावित मौसम परिवर्तन जिसकी निगरानी जरूरी है। यह चेतावनी कम खतरे वाली होती है लेकिन सतर्क रहने की जरूरत होती है।
Q3: किन जिलों में सबसे कम बारिश हुई है?
उत्तर: पटना, बक्सर, भोजपुर, औरंगाबाद और जहानाबाद में अब तक सामान्य से 50% कम बारिश दर्ज की गई है।
Q4: बारिश की कमी से खेती पर क्या असर पड़ेगा?
उत्तर: धान की बुवाई में देरी होगी, सिंचाई लागत बढ़ेगी और फसल की पैदावार घट सकती है।
Q5: उमस और गर्मी से कैसे बचें?
उत्तर: अधिक पानी पिएं, धूप से बचें, हल्का भोजन करें और बाहर निकलते समय छाता या टोपी का प्रयोग करें।
🔚 निष्कर्ष: राहत की उम्मीद अभी बाकी है
बिहार में इस समय मानसून की रफ्तार धीमी है और गर्मी-उमस ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। हालांकि, 16 जुलाई के आसपास राहत मिलने की संभावना है।
तब तक जरूरी है कि लोग सावधानी बरतें, स्वास्थ्य का ध्यान रखें और मौसम विभाग के अलर्ट पर नजर बनाए रखें।

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