
Dev Uthani Ekadashi 2025 पर करें (देवउठनी एकादशी) तुलसी पूजन इस विशेष विधि से, मां लक्ष्मी करेंगी धन की वर्षा और विष्णु देंगे मनचाहा वरदान!

Dev Uthani Ekadashi: 1 नवंबर 2025 की देवउठनी एकादशी पर इन 5 चीजों से करें तुलसी माता की पूजा, रातों-रात बदल जाएगा भाग्य और भर जाएगी तिजोरी!
Dev Uthani Ekadashi: देवउठनी एकादशी, जिसे प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण तिथि है। यह वह दिन होता है जब भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं और सृष्टि में पुनः धर्म और जीवन का संचार करते हैं। वर्ष 2025 में देवउठनी एकादशी 1 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु और माता तुलसी की पूजा का विशेष महत्व होता है क्योंकि अगला दिन तुलसी विवाह का होता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन किए गए पूजन और दान से जीवन में सुख, सौभाग्य और समृद्धि आती है। यदि आप मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की असीम कृपा पाना चाहते हैं, तो तुलसी माता को कुछ खास वस्तुएं अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं कि इस देवउठनी एकादशी पर तुलसी को क्या-क्या अर्पित करने से जीवन में धन, शांति और सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है।
देवउठनी एकादशी 2025 की तिथि और महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार, वर्ष 2025 में देवउठनी एकादशी का पर्व 1 नवंबर, शनिवार को मनाया जाएगा। यह तिथि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आती है। इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं, जिसे चातुर्मास कहा जाता है। अगले दिन, यानी 2 नवंबर को तुलसी विवाह मनाया जाएगा। इस अवसर पर भगवान शालिग्राम (विष्णु जी) और माता तुलसी का विवाह संपन्न कराया जाता है, जो वैवाहिक जीवन में स्थिरता और प्रेम का प्रतीक माना जाता है।

देवउठनी एकादशी पर तुलसी पूजन का महत्व
धार्मिक ग्रंथों में तुलसी को “हरि प्रिया” कहा गया है, अर्थात भगवान विष्णु की सबसे प्रिय। ऐसी मान्यता है कि देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी माता की विधिपूर्वक पूजा करने से जीवन में सुख, शांति और वैभव का आगमन होता है। साथ ही, घर में नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और मां लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है।
देवउठनी एकादशी 2025 पर तुलसी को अर्पित करें ये 5 शुभ वस्तुएं
| वस्तु | अर्पण करने का तरीका | लाभ |
|---|---|---|
| लाल धागा (कलावा) | तुलसी के पौधे पर बांधें | विष्णु और लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है |
| लाल चुनरी | तुलसी माता को ओढ़ाएं और मंत्र जपें | धन, सौभाग्य और समृद्धि में वृद्धि |
| दीपक (घी का) | तुलसी के पास जलाएं | घर में सकारात्मकता और सुख की वृद्धि |
| कच्चा दूध | तुलसी को अर्पित करें | जीवन में शांति और स्वास्थ्य लाभ |
| पीला धागा (108 गांठों वाला) | तुलसी विवाह के दिन बांधें | मनोकामनाओं की पूर्ति और विवाह संबंधी समस्याओं से मुक्ति |
1. तुलसी को बांधें लाल धागा (कलावा)
देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी के पौधे पर लाल धागा या कलावा बांधना अत्यंत शुभ होता है। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों प्रसन्न होते हैं। यह छोटा सा उपाय जीवन में सुख, समृद्धि और मनचाही इच्छाओं की पूर्ति करने वाला माना गया है।
2. तुलसी को चढ़ाएं लाल चुनरी
तुलसी माता को लाल चुनरी ओढ़ाना अत्यंत शुभ होता है। चुनरी चढ़ाते समय यह मंत्र जपना चाहिए —
“महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोऽस्तुते।”
इस मंत्र के साथ पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होकर भक्तों पर धन, सौभाग्य और समृद्धि की वर्षा करते हैं।
3. तुलसी के समीप दीपक जलाएं और कच्चा दूध अर्पित करें
देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी के पास एक घी का दीपक जलाना चाहिए। यह घर में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-शांति का संचार करता है। साथ ही तुलसी को थोड़ा सा कच्चा दूध अर्पित करना भी आवश्यक है। यह उपाय मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने वाला माना गया है।
4. तुलसी विवाह के दिन पीला धागा बांधें
तुलसी विवाह के दिन एक पीले रंग के धागे में 108 गांठें लगाकर तुलसी के पौधे पर बांधें। यह धागा आपके शरीर के बराबर लंबा होना चाहिए। श्रद्धा से तुलसी माता से अपनी मनोकामना व्यक्त करें। जब आपकी इच्छा पूर्ण हो जाए, तो उस धागे को किसी पवित्र नदी या तालाब में प्रवाहित कर दें। यह उपाय जीवन में सुख, प्रेम और सफलता लाने वाला माना गया है।
देवउठनी एकादशी का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व
देवउठनी एकादशी केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि ज्योतिषीय रूप से भी अत्यंत शुभ मानी जाती है। इस दिन विष्णु जी की उपासना करने से ग्रहदोष और पितृदोष समाप्त होता है। जो लोग आर्थिक कठिनाइयों या वैवाहिक समस्याओं से जूझ रहे हैं, उन्हें इस दिन उपवास और पूजन अवश्य करना चाहिए।
देवउठनी एकादशी 2025: पूजा विधि
- प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- तुलसी के पौधे को गंगाजल से शुद्ध करें।
- दीपक जलाएं और विष्णु जी का ध्यान करें।
- तुलसी माता को फूल, चुनरी, धागा और दूध अर्पित करें।
- “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- दिनभर व्रत रखें और शाम को कथा व आरती करें।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. देवउठनी एकादशी 2025 कब है?
वर्ष 2025 में देवउठनी एकादशी 1 नवंबर, शनिवार के दिन मनाई जाएगी। यह दिन भगवान विष्णु के जागरण का प्रतीक माना जाता है।
Q2. देवउठनी एकादशी पर क्या व्रत रखना चाहिए?
इस दिन उपवास रखकर केवल फलाहार करना चाहिए। व्रती को विष्णु सहस्रनाम या तुलसी स्तुति का पाठ करना शुभ माना जाता है।
Q3. तुलसी विवाह कब मनाया जाएगा?
देवउठनी एकादशी के अगले दिन यानी 2 नवंबर 2025 को तुलसी विवाह मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शालिग्राम और तुलसी माता का विवाह कराया जाता है।
Q4. तुलसी माता को क्या अर्पित करना चाहिए?
तुलसी माता को लाल चुनरी, कलावा, दीपक, कच्चा दूध और पीला धागा अर्पित करना अत्यंत शुभ होता है। इससे विष्णु और लक्ष्मी दोनों की कृपा प्राप्त होती है।
Q5. देवउठनी एकादशी का धार्मिक लाभ क्या है?
इस दिन व्रत और पूजन करने से मनुष्य के पापों का नाश होता है, जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है, तथा सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
निष्कर्ष
देवउठनी एकादशी 2025 न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि यह भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का श्रेष्ठ अवसर भी है। इस दिन श्रद्धा से तुलसी पूजन कर विशेष वस्तुएं अर्पित करने से जीवन में धन, सौभाग्य और समृद्धि का संचार होता है। अतः इस वर्ष 1 नवंबर को देवउठनी एकादशी के पावन अवसर पर विधिवत पूजा करें और भगवान विष्णु के आशीर्वाद से अपने जीवन को मंगलमय बनाएं।

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