UPPSC आरओ-एआरओ भर्ती परीक्षा 2023: बदल गया प्रारंभिक परीक्षा का पैटर्न, अब सिर्फ एक पेपर में होगा चयन
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने समीक्षा अधिकारी (RO) और सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) भर्ती परीक्षा 2023 में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी है। अब प्रारंभिक परीक्षा में दो की बजाय केवल एक पेपर आयोजित होगा, जिससे परीक्षा प्रक्रिया और भी सरल हो गई है। इस लेख में हम विस्तार से बताएंगे कि किस प्रकार यह बदलाव छात्रों के लिए फायदेमंद है और परीक्षा के पैटर्न में क्या परिवर्तन किए गए हैं।
नए पैटर्न में क्या बदलाव हुए हैं?
UPPSC ने समीक्षा अधिकारी (RO) और सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) की प्रारंभिक परीक्षा के लिए अब केवल एक ही प्रश्न पत्र निर्धारित किया है। पहले इस परीक्षा को दो पालियों में आयोजित किया जाता था, जिसमें सामान्य अध्ययन और सामान्य हिंदी के दो अलग-अलग पेपर होते थे। लेकिन अब यह दोनों पेपर एक साथ मिलाकर एक ही परीक्षा में शामिल किए जाएंगे।
नए पैटर्न के मुख्य बिंदु:
- प्रश्न पत्र में 200 अंकों के 200 प्रश्न होंगे।
- इसमें 140 प्रश्न सामान्य अध्ययन के होंगे और 60 प्रश्न सामान्य हिंदी से जुड़े होंगे।
- प्रत्येक प्रश्न एक अंक का होगा।
- इस परीक्षा को 3 घंटे के भीतर पूरा करना होगा।
इस बदलाव से परीक्षा का संचालन अधिक सुगम हो गया है और छात्रों को दो पालियों में परीक्षा देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे परीक्षा की तैयारी भी एकीकृत तरीके से की जा सकेगी।
मुख्य परीक्षा में कोई बदलाव नहीं
हालांकि प्रारंभिक परीक्षा के पैटर्न में बदलाव किया गया है, लेकिन मुख्य परीक्षा की संरचना में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। मुख्य परीक्षा के सभी विषय और पाठ्यक्रम वही रहेंगे जो पहले निर्धारित थे। इस बात की पुष्टि UPPSC के परीक्षा नियंत्रक हर्ष देव पांडेय द्वारा जारी शुद्धि पत्र में की गई है।
छात्रों को मिली राहत
छात्रों के लिए यह बदलाव एक राहत के रूप में सामने आया है। पहले दो पालियों में होने वाली परीक्षा के कारण छात्रों को अधिक तनाव का सामना करना पड़ता था। सामान्य हिंदी के लिए छात्रों को तीन घंटे इंतजार करना पड़ता था, लेकिन अब इस नए पैटर्न के तहत हिंदी और सामान्य अध्ययन दोनों को एक ही प्रश्न पत्र में शामिल किया गया है।
पीसीएस परीक्षा में भी बदलाव की मांग
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय ने इस कदम की सराहना करते हुए इसे एक सकारात्मक निर्णय बताया है। उन्होंने कहा कि इस बदलाव से छात्रों को मानसिक और शारीरिक रूप से भी राहत मिलेगी, खासकर उन छात्रों के लिए जो पहले लंबे समय तक इंतजार करते थे। इसके अलावा, उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि पीसीएस परीक्षा में भी बदलाव किया जाना चाहिए। समिति का मानना है कि पीसीएस परीक्षा में दोनों पालियों के बीच के अंतराल को 3 घंटे से घटाकर 1 घंटे करना चाहिए, जिससे छात्रों का समय बचेगा और उनकी तैयारी में सुधार होगा।
छात्रों के लिए बेहतर योजना
यह बदलाव परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए सकारात्मक कदम है। अब छात्र एक ही पेपर के लिए तैयारी कर सकते हैं, जिससे उनकी फोकस बढ़ेगी और तैयारी में दक्षता आएगी। इसके अलावा, परीक्षा के समय और तनाव में भी कमी आएगी, जिससे छात्रों का प्रदर्शन बेहतर हो सकता है।
निष्कर्ष
UPPSC द्वारा समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा के प्रारंभिक चरण में किए गए बदलाव निश्चित रूप से छात्रों के लिए फायदेमंद साबित होंगे। परीक्षा पैटर्न में बदलाव ने छात्रों को मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से राहत दी है, जिससे वे बेहतर तरीके से अपनी तैयारी कर सकेंगे। मुख्य परीक्षा के पैटर्न में बदलाव न होने से छात्रों को पहले से निर्धारित योजनाओं पर ही ध्यान केंद्रित करना होगा, जिससे कोई अतिरिक्त दबाव नहीं होगा।