IRCTC का चौंकाने वाला फैसला: अब ट्रेन देरी पर नहीं मिलेगा रिफंड, जानें पूरी खबर
साल खत्म होने से पहले, भारतीय रेल यात्रियों के लिए आईआरसीटीसी ने एक बड़ा और चौंकाने वाला फैसला किया है। अब आईआरसीटीसी ने ट्रेनों की देरी पर मिलने वाली रिफंड सुविधा को बंद कर दिया है। यह फैसला करोड़ों रेल यात्रियों को प्रभावित करेगा।
रेल यात्रा: सस्ती और सुविधाजनक परिवहन व्यवस्था
भारत में हर दिन लाखों लोग रेलवे के माध्यम से यात्रा करते हैं। यह न केवल सस्ता है बल्कि हर वर्ग के लिए बेहद सुविधाजनक भी है। रेल यात्रियों की नजर हमेशा भारतीय रेलवे और आईआरसीटीसी के अपडेट्स पर रहती है। नए अपडेट्स अक्सर सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए होते हैं, लेकिन हाल ही में किए गए इस बदलाव से यात्रियों में निराशा फैल गई है।
रिफंड सुविधा क्यों बंद की गई?
आईआरसीटीसी ने यह साफ किया है कि यह निर्णय केवल ट्रेन की देरी पर मिलने वाले रिफंड से संबंधित है। पहले, यदि ट्रेन विलंबित होती थी, तो यात्रियों को किराया वापस मिल जाता था। साल 2022-23 में रेलवे ने 7.74 लाख रुपये रिफंड के तौर पर लौटाए थे। मौजूदा वित्तीय वर्ष में यह आंकड़ा 15 लाख रुपये से अधिक हो गया। बढ़ते खर्च को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
यात्रियों को कैसे होगा असर?
इस कदम का सबसे ज्यादा प्रभाव उन यात्रियों पर पड़ेगा जो प्राइवेट ट्रेनों जैसे वंदे भारत और तेजस में यात्रा करते हैं। प्राइवेट ट्रेनों में देरी की स्थिति में यात्रियों को पूरा किराया लौटाने की नीति थी। अब इस सेवा के बंद होने से आर्थिक राहत खत्म हो जाएगी।
रेलवे की अन्य सुविधाओं पर नजर
जहां एक ओर रेलवे यात्री सुविधाओं को बढ़ाने पर ध्यान दे रहा है, वहीं वंदे भारत और तेजस जैसी आधुनिक ट्रेनों की शुरुआत यात्रियों को बेहतर अनुभव देने के लिए की गई है। इसके अलावा, जल्द ही बुलेट ट्रेन का सपना भी साकार होने वाला है।
क्या कहते हैं आंकड़े?
रेलवे के मुताबिक, रिफंड के तौर पर सालाना लाखों रुपये लौटाए जाते थे। यह राशि हर साल बढ़ती जा रही थी। हालांकि, यात्रियों को सुविधा देने के लिए यह कदम महत्वपूर्ण था, लेकिन इसका खर्च रेलवे पर भारी पड़ रहा था।
यात्रियों के लिए सलाह
रेलवे द्वारा रिफंड सुविधा बंद होने के बाद यात्रियों को अपनी यात्रा योजनाओं में सतर्क रहना होगा। समय प्रबंधन और ट्रेनों के शेड्यूल की जानकारी पहले से लेना आवश्यक हो गया है।
निष्कर्ष
आईआरसीटीसी द्वारा लिया गया यह फैसला रेल यात्रियों के लिए बड़ी खबर है। हालांकि, यह निर्णय रेलवे के बढ़ते खर्च को देखते हुए लिया गया है, लेकिन यात्रियों को इससे असुविधा का सामना करना पड़ेगा। यात्रियों को अपनी यात्रा के दौरान अधिक सतर्क रहना होगा और समय प्रबंधन पर ध्यान देना होगा।