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बिहार में जमीन दाखिल-खारिज प्रक्रिया में बदलाव: अब रजिस्ट्री के समय ही होगा सारा काम

बिहार में जमीन दाखिल-खारिज प्रक्रिया में बदलाव: अब रजिस्ट्री के समय ही होगा सारा काम

नीतीश कुमार की सरकार ने बिहार में जमीन दाखिल-खारिज की प्रक्रिया को सरल और तेज बना दिया है। अब आपको जमीन रजिस्ट्री के बाद अलग से दाखिल-खारिज के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। राजस्व और भूमि सुधार विभाग द्वारा शुरू किए गए नए ‘सुओ-मोटो दाखिल-खारिज’ नियम के तहत अब यह काम जमीन की रजिस्ट्री के समय ही स्वतः हो जाएगा। इस लेख में हम जानेंगे इस नए नियम के बारे में विस्तार से और इसके लाभों पर चर्चा करेंगे।

सुओ-मोटो दाखिल-खारिज क्या है?

पहले जब कोई व्यक्ति जमीन खरीदता था और उसकी रजिस्ट्री कराता था, तो उसे इसके बाद दाखिल-खारिज (म्यूटेशन) के लिए अलग से आवेदन करना पड़ता था। यह प्रक्रिया समय-साध्य और जटिल थी, जिसके कारण लोगों को काफी दिक्कतें होती थीं। लेकिन अब इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए ‘सुओ-मोटो दाखिल-खारिज’ नियम लागू किया गया है। इस नए नियम के तहत अब जब आप जमीन की रजिस्ट्री कराएंगे, तो उसी समय दाखिल-खारिज के लिए अनुरोध अंचल कार्यालय को भेज दिया जाएगा।

सुओ-मोटो दाखिल-खारिज
सुओ-मोटो दाखिल-खारिज

कैसे करेगा ‘सुओ-मोटो दाखिल-खारिज’ काम?

नए नियम के तहत जमीन की रजिस्ट्री के समय ही आपकी जानकारी अंचल कार्यालय तक पहुंचा दी जाएगी। इससे दाखिल-खारिज की प्रक्रिया स्वतः शुरू हो जाएगी और आपको अलग से किसी फॉर्म को भरने या कार्यालय के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। इससे सरकारी कामकाज भी तेज और पारदर्शी हो जाएगा।

सुओ-मोटो दाखिल-खारिज
सुओ-मोटो दाखिल-खारिज

मुख्य लाभ:

  • समय की बचत: अब दाखिल-खारिज के लिए अलग से आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है, जिससे लोगों का कीमती समय बचेगा।
  • सरकारी दफ्तरों के चक्कर खत्म: जमीन रजिस्ट्री के बाद अंचल कार्यालय जाकर दाखिल-खारिज के लिए आवेदन नहीं करना पड़ेगा।
  • ऑनलाइन प्रक्रिया: रजिस्ट्री के समय ही ऑनलाइन जानकारी साझा की जाएगी, जिससे पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और तेज बनेगी।

नए नियम से पैसे और समय की बचत

नए ‘सुओ-मोटो दाखिल-खारिज’ नियम के लागू होने से समय के साथ-साथ पैसे की भी बचत होगी। पहले दाखिल-खारिज की प्रक्रिया में लंबा समय और कभी-कभी अतिरिक्त खर्च भी हो जाता था। लेकिन अब रजिस्ट्री के साथ ही यह काम होने से किसी अतिरिक्त खर्च की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके साथ ही, पंजीकरण विभाग और कर विभाग की वेबसाइटों को भी आपस में जोड़ा गया है, जिससे रजिस्ट्री से संबंधित सारी जानकारी कर विभाग तक पहुंच जाएगी और आपको अलग से आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी।

बिहार में जमीन दाखिल-खारिज
बिहार में जमीन दाखिल-खारिज

पारदर्शिता और शिकायत निपटान की सुविधा

नए नियम के तहत दाखिल-खारिज प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाया गया है। अगर जमीन की रजिस्ट्री के 15 दिनों के भीतर कोई शिकायत आती है, तो वित्त मंत्रालय उसकी जांच करेगा और जल्द से जल्द निपटान करेगा। इससे जमीन से जुड़े विवादों का समाधान भी जल्दी होगा और सरकारी कामकाज की गति बढ़ेगी।

समय के साथ सरकारी कामकाज में तेजी

सरकार का यह कदम जमीन से जुड़े मामलों में पारदर्शिता और गति लाने के उद्देश्य से है। अब लोगों को बार-बार सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे न केवल जनता का समय बचेगा, बल्कि सरकारी कामकाज में भी तेजी आएगी।

नए नियम से जनता को कैसे मिलेगा लाभ?

इस नए नियम से न केवल जमीन मालिकों को राहत मिलेगी, बल्कि सरकारी तंत्र में भी सुधार होगा। पहले दाखिल-खारिज की प्रक्रिया लंबी होती थी, और इसमें कई बार गलतियां हो जाती थीं। लेकिन अब इस प्रक्रिया को ऑनलाइन और स्वचालित कर दिया गया है, जिससे इसमें गलतियों की संभावना कम हो गई है। साथ ही, जमीन के मालिकों का रिकॉर्ड भी सही तरीके से अपडेट रहेगा।

निष्कर्ष:

बिहार में ‘सुओ-मोटो दाखिल-खारिज’ नियम ने जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया को बेहद आसान और तेज बना दिया है। अब न तो आपको अलग से फॉर्म भरने की जरूरत है, न ही सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की। इस नियम से न केवल जनता का समय और पैसा बचेगा, बल्कि सरकारी प्रक्रिया में पारदर्शिता भी आएगी। नए नियम का लाभ उठाकर आप बिना किसी झंझट के अपनी जमीन की रजिस्ट्री और दाखिल-खारिज प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।

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