वनवास बॉक्स ऑफिस पर क्यों हुई फ्लॉप? पुष्पा 2 और मुफासा ने कैसे बिगाड़ा खेल?
अनिल शर्मा के निर्देशन में बनी फिल्म “वनवास” ने दिल छूने वाली कहानी के जरिए दर्शकों का ध्यान खींचा, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर इसकी शुरुआत फीकी रही। यह कहानी एक बुजुर्ग पिता के संघर्ष की है जिसे उसके अपने बच्चे अकेला छोड़ देते हैं। हालांकि, फिल्म को समीक्षकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा।
फिल्म “वनवास” की कहानी और प्रदर्शन
20 दिसंबर 2024 को रिलीज हुई वनवास एक इमोशनल ड्रामा है। फिल्म की कहानी पारिवारिक मूल्यों और रिश्तों की गहराई को छूती है। नाना पाटेकर मुख्य भूमिका में हैं, जो एक बुजुर्ग पिता प्रताप सिंघानिया का किरदार निभा रहे हैं। पत्नी की मौत के बाद प्रताप धीरे-धीरे अपनी याद्दाश्त खोने लगते हैं। उनके बच्चे उनका सहारा बनने के बजाय उन्हें वाराणसी में अकेला छोड़ देते हैं। इस दर्द भरी कहानी ने दर्शकों को भावुक किया, लेकिन यह बॉक्स ऑफिस पर चमत्कार नहीं कर सकी।
पहले दिन फिल्म ने केवल 73 लाख रुपये की कमाई की। वीकेंड पर उम्मीद थी कि फिल्म का प्रदर्शन बेहतर होगा, लेकिन शनिवार को भी 1.02 करोड़ रुपये की कमाई के साथ यह निराशाजनक रही।
पुष्पा 2 और मुफासा की वजह से वनवास का संघर्ष
बॉक्स ऑफिस पर पुष्पा 2 और मुफासा जैसी फिल्मों की मौजूदगी ने वनवास के प्रदर्शन को और कमजोर कर दिया।
- पुष्पा 2, जो 5 दिसंबर को रिलीज हुई थी, 17वें दिन भी बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा रही है और शनिवार को 25 करोड़ रुपये की कमाई की।
- दूसरी ओर, मुफासा ने 20 दिसंबर को रिलीज होकर केवल तीन दिनों में 22 करोड़ रुपये का कारोबार किया।
इन दोनों बड़ी फिल्मों के सामने वनवास दर्शकों का ध्यान खींचने में विफल रही।
फिल्म “वनवास” की थीम और विशेषताएं
वनवास एक ऐसी कहानी है जो पारिवारिक मूल्यों और रिश्तों की बारीकियों को उजागर करती है।
- नाना पाटेकर की दमदार अदाकारी फिल्म की जान है।
- उत्कर्ष शर्मा, जो वीरू का किरदार निभा रहे हैं, बुजुर्ग पिता को उनके बच्चों से मिलाने की कोशिश करते हैं।
- फिल्म की पटकथा भले ही नई न हो, लेकिन इसका भावनात्मक जुड़ाव इसे खास बनाता है।
वनवास के लिए आगे की चुनौतियां
फिल्म की धीमी शुरुआत और वीकेंड पर औसत प्रदर्शन के बाद, आने वाले दिनों में इसका सफर मुश्किल भरा हो सकता है। अनिल शर्मा, जो “गदर 2” जैसी ब्लॉकबस्टर के निर्देशक रहे हैं, के लिए वनवास का यह प्रदर्शन एक बड़ा झटका है।
फिल्म को अपने कलेक्शन में सुधार लाने के लिए वर्ड-ऑफ-माउथ प्रचार पर निर्भर रहना होगा। इसके अलावा, सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों में इसे बेहतर दर्शक प्रतिक्रिया मिलने की संभावना है।
निष्कर्ष
फिल्म “वनवास” ने एक मार्मिक कहानी के जरिए दर्शकों को छूने की कोशिश की, लेकिन पुष्पा 2 और मुफासा जैसी बड़ी फिल्मों के बीच इसकी चमक फीकी पड़ गई। बावजूद इसके, यह पारिवारिक मूल्यों और रिश्तों को नए सिरे से समझने की प्रेरणा देती है।
क्या “वनवास” आने वाले दिनों में बॉक्स ऑफिस पर अपना जलवा दिखा पाएगी, यह देखना दिलचस्प होगा।